Update on 2024-04-15
फाइनेंशल मैनेजमेंट कोर्स फाइनेंशल प्लानिंग, एकाउंटिंग और संगठन के लाभदायक विकास के लिए प्लान की स्ट्रेटेजी बनाने से संबद्ध है. इन कोर्सेज का लक्ष्य छात्रों/ कैंडिडेट्स को फाइनेंशल स्किल्स प्रदान करना है ताकि संगठन के विभिन्न विभागों के लिए रिसोर्सेज निर्धारित करने के साथ ही फाइनेंसियल मैनेजमेंट में करियर बनाया जा सके और बजट तैयार किया जा सके. चाहे वह रैंकिंग, फाइनेंशल सर्विसेज, एनबीएफसीज या कॉरपोरेट से संबद्ध कोई भी इंडस्ट्री हो, फाइनेंशल मैनेजमेंट कोर्स में वे सभी विषय और इश्यूज शामिल हैं जो इन सभी फ़ील्ड के साथ ही अन्य कई फ़ील्ड या इश्यूज में महारत हासिल करने के लिए आपकी समझ को विकसित करेंगे.
आप अपनी 10+2 क्लास पास करने के बाद फाइनेंशल मैनेजमेंट कोर्सेज कर सकते हैं. अगर आप अंडरग्रेजुएट कोर्सेज करने के लिए अपना बहुत ज्यादा समय खर्च नहीं करना चाहते हैं तो आप डिप्लोमा कोर्सेज कर सकते हैं. हालांकि, अगर आप कायर स्टडीज प्राप्त करना चाहते हैं तो आपके लिए अंडरग्रेजुएट कोर्स में एड मिशन लेना काफी बढ़िया निर्णय साबित होगा. फाइनेंशल मैनेजमेंट के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के कोर्सेज का विवरण आपकी सहूलियत के लिए नीचे दिया जा रहा है:
छात्र 10+2 क्लास पास करने के तुरंत बाद डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं. इस कोर्स की अवधि 1 वर्ष है.
फाइनेंशल मैनेजमेंट में अंडरग्रेजुएट कोर्स की अवधि 3 वर्ष होती है. फाइनेंशल मैनेजमेंट में अंडरग्रेजुएट कोर्स को बीबी डिग्री के तौर पर जाना जाता है.
फाइनेंशल मैनेजमेंट में पोस्टग्रेजुएट कोर्स की अवधि 2 वर्ष होती है. इस डिग्री को आमतौर पर फाइनेंशल मैनेजमेंट में एमए/ एमबीए की डिग्री के नाम दिया गया है
आप किसी संबद्ध विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त करने के बाद फाइनेंशल मैनेजमेंट में डॉक्टोरल कोर्स अर्थात डॉक्टरेट ऑफ़ फिलोसोफी (पीएचडी) की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं. डॉक्टोरल कोर्स की अवधि 3-4 वर्ष है.
कई मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी और इंस्टिट्यूट फाइनेंशल मैनेजमेंट कोर्सेज करवाते हैं. यद्यपि, प्रत्येक कॉलेज/ इंस्टिट्यूट के अपने अलग-अलग एंट्रेंस एग्जाम, एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया और एड मिशन प्रोसेस होते हैं. इसलिये, इन फाइनेंशल कोर्सेज में एड मिशन लेने के लिए इन कोर्सेज से संबद्ध आवश्यक शर्तों के बारे में जानकारी प्राप्त करना आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
एडमिशन प्रोसेस में पहला कदम एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया है. अगर आपको इस सेक्शन में उल्लिखित क्राइटेरिया के बारे में पूरी जानकारी मिल जाती है तो आप भक्त कोर्स के लिए बड़ी सरलता से सप्लाई कर सकते हैं. इसलिए, फाइनेंशल मैनेजमेंट कोर्स में सप्लाई करने के लिए ब्रेक लेवल के लिए निर्धारित एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के बारे में आइ ये जानकारी प्राप्त करें:
डिप्लोमा लेवल:
आप 10+2 क्लास पास करने के बाद फाइनेंशल मैनेजमेंट में डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं. इस डिप्लोमा लेवल कोर्स में फाइनेंशल मार्केट्स, कॉरपोरेट फ़ाइनेंसर और बिज़नेस करने के लिए जरूरी फ़िक्स और वर्किंग कैपिटल के बारे में बेसिक डिटेल्स शामिल होते हैं.
अंडरग्रेजुएट लेवल कोर्स में भी आप अपनी 10+2 क्लास किसी भी विषय में पास करने के बाद एड मिशन ले सकते हैं. आमतौर पर जिन स्टूडेंट्स ने 12वीं क्लास कॉनर्स विषय सहित पास की होती है, उन्हें एड मिशन में वरीयता दी जाती है.
किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी/ कॉलेज से कम से कम 50% कुल प्रतिशत के साथ ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद आप फाइनेंशल मैनेजमेंट में पोस्टग्रेजुएट कोर्स करने के लिए सप्लाई कर सकते हैं.
फाइनेंशल मैनेजमेंट के क्षेत्र में आप हाईएस्ट लेवल की डिग्री के तौर पर डॉक्टोरल कोर्स में एड मिशन ले सकते हैं. किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी/ कॉलेज से पीएचडी की डिग्री प्राप्त करने के बाद आप अपने नाम के आगे ‘डॉक्टर’ का टाइटन इस्तेमाल कर सकते हैं.
चाहे वह कोई पॉलिटेक्निक इंस्टिट्यूट हो या फिर कोई प्रोफेशनल इंस्टिट्यूट, किसी भी इंस्टिट्यूट से प्रोफेशनल डिग्री कोर्स करने के लिए और अपने पसंदीदा इंस्टिट्यूट में एड मिशन लेने के लिए छात्र को हमेशा एंट्रेंस एग्जाम पास करना पड़ता है. किसी फाइनेंशल मैनेजमेंट कोर्स में एड मिशन लेने में आपकी मदद करने के लिए यहां सभी एंट्रेंस एग्जाम्स की लिस्ट इस प्रकार है:
डिप्लोमा कोर्सेज में एड मिशन लेने के लिए, आप स्टेट लेवल के पॉलिटेक्निक्स में आवेदन कर सकते हैं क्योंकि ये पॉलिटेक्निक्स प्रत्येक राज्य में एंट्रेंस एग्जाम कंडक्ट करते हैं ताकि इंडस्ट्री-लेडी प्रोफेशनल तैयार किये जा सकें.
फाइनेंशल मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स निम्नलिखित विषयों में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं ताकि उनकी इंडस्ट्री में अपनी पहचान बन सके. यद्यपि, नीचे दिए गए विषय कोर्स करिकुलम का एक हिस्सा हैं लेकिन, आप इनमें से कोई एक विषय चुनकर उसमें अपना करियर बना सकते हैं. आपकी सहुलियत के लिए सब-स्पेशलाइजेशन्स की लिस्ट नीचे दी जा रही है
करम संख्या |
इंस्टिट्यूट |
लोकेशन |
1. |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट |
अहमदाबाद |
2. |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट |
बैंगलोर |
3. |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट |
कोलकाता |
4. |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट |
लखनऊ |
5. |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी |
मुंबई |
6. |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट |
कोझिकोड |
7. |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी |
खड़गपुर |
8. |
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी |
दिल्ली |
9. |
ज़ेवियर लेकर रिलेशन्स इंस्टिट्यूट |
रुड़की |
10. |
ज़ेवियर लेकर रिलेशन्स इंस्टिट्यूट |
जमशेदपुर |
फ़ाइनेंशियल मैनेजमेंट में करियर किसी फ्रेशर के लिए, किसी फाइनेंशल फर्म, कंपनी या मारकेज़ में जॉन प्राप्त करना उसके करियर का बेसिक आधार होता है. फ़ाइनेंसर ग्रैजुएट का रोल बहुत गतिशील है क्योंकि उनके लिए संगठन के अन्य डिपार्टमेंट्स के साथ सहयोग करना आवश्यक होता है और अगर जरूरी हो तो उन्हें सामने आकर कस्टमर के साथ बातचीत करनी पड़ती है. यहां कुछ ऐसे लोकप्रिय जॉन डेसिग्नेशन दिए जा रहे हैं जो फ़ाइनेंसर ग्रैजुएट अपना कोर्स पूरा करने के बाद जवान कर सकते हैं:
फ़ाइनेंशियल मैनेजमेंट में करियर तथा फ़ाइनेंसर के डोमेन में स्पेशलाइजेशन करने वाले कैंडिडेट्स के लिए आजकल जॉन के ढेरों अवसर मौजूद हैं. चाहे वह कोई फर्म हो या कोई कंपनी या फिर, बैंक, सरकारी विभाग और एजेंसी, एजुकेशन इंस्टिट्यूशन्स आदि ही क्यों न हों, भक्त सभी इंस्टिट्यूशन्स में फ़ाइनेंसर डोमेन से संबद्ध प्रोफेशनल के लिए अत्यधिक जॉन ऑप्शन्स मौजूद हैं. इसलिए यहां ‘ब्रांडफाइनेंस.कॉम’ द्वारा दी गई रैंकिंग के अनुसार फाइनेंशल शील्ड में सबसे ख़ास इंडियन ब्रांड की एक लिस्ट पेश है. आप इस लिस्ट में से अपने लिए एक बेहतरीन ब्रांड चुन सकते हैं. आइ ये पढ़ें:
Related Articles
Trending News
Copyright @2024.www.collegedisha.com. All rights reserved