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Career Option After MBBS in Hindi

Update on 2024-04-15

Career Option After MBBS in Hindi (एमबीबीएस के बाद करियर विकल्प)

डॉक्टर एक प्रतिष्ठित व्यवसाय है। डॉक्टर बनना कोई मज़ाक नहीं है इसके लिए बहुत ही निष्ठा और कठोर परिश्रम की जरुरत होती है। मेडिकल कोर्स की फ़ीस सभी कोर्सेज में सबसे अधिक महंगी होती है। इंडिया में ऐसे बहुत से प्रतिभाशाली युवा है जो आर्थिक कमज़ोरी के कारण इस कोर्स को नहीं पढ़ पाते है।

लेकिन उनके पास एक विकल्प और बचता है की वो किसी भी नेशनल लेवल प्रवेश परीक्षा के माध्यम से किसी भी गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से अपने सपनों को उड़ान दे सकते है। डॉक्टर की पढ़ाई करने क लिए उमीदवारो को 12 Class को Physics, Chemistry, और Biology विषय से पास  करना होगा। अगर आप 12वी Class के स्टूडेंट है तो आप Medical Entrance Exam देने के लिए एक पात्र उम्मीदवार है।

प्रवेश परीक्षा में जो भी क्वेश्चन पूछे जाओगे वो सभी आपके ११वी और १२वी कक्षा के भौतिक, रसायन, और बायोलॉजी सब्जेक्ट्स के सिलेबस से पूछे जायगे। कुछ मेडिकल प्रवेश परीक्षाएँ के नाम निम्नलिखित है - CET, AIMEE, AIPMT, NEET आदि हैं।

एमबीबीएस क्या है? [What is MBBS]

MBBS [चिकित्सा स्नातक और शल्य चिकित्सा स्नातक] एक बैचलर डिग्री है जिसको कम्पलीट करने क बाद आप मेडिकल के क्षेत्र एक डॉक्टर की तरह काम कर सकते है। यह कोर्स १२वी कक्षा के बाद किया जा सकता है MBBS कोर्स चिकित्सा के क्षेत्र में सबसे बड़ा कोर्स है। इस कोर्स के अध्ययन करने के बाद आप सरकारी तथा निजी दोनों छेत्री में जॉब हासिल कर सकते है या आप किसी भी हॉस्पिटल में जूनियर डॉक्टर, जूनियर सर्जन, Medical प्रोफेसर या लेक्चरर  के रूप में भी काम कर सकते हैं।

MBBS कोर्स की अवधि 4 वर्ष 6 महीने की होती है जिसमे 9 सेमेस्टर होते है। प्रत्येक सेमेस्टर की समयसीमा छह महीने की होती है। इसके अलावा, मेडिकल स्टूडेंट्स एक साल की इंटर्नशिप भी करते है। इस प्रकार, इस कोर्स की समय सीमा 5 वर्ष 6 महीने की होती है। MBBS कोर्स को करने के लिए 12th क्लास में Physics, Chemistry, और Biology सब्जेक्ट्स होना अनिवार्य है। इसके बाद आपको NEET Exam क्वालीफाई करना होगा। MBBS कोर्स म आपका दाखिला  NEET Exam के अंको के आधार प ही होगा।

एमबीबीएस के बाद क्या करें (Career Options After MBBS)

MBBS को पूरा करने क बाद स्टूडेंट्स क पास बहुत सारे विकल्प मौजूद है। जैसे की या तो वो अपनी शिक्षा को आगे बढ़ा सकते है या फिर जॉब कर सकते है।

एमएस और एमडी डिग्री : (MS: Master of Surgery and MD: Master of Dentist)

ऐसे बहुत सारे विद्यार्थी है जो अपनी पढाई को आगे बढ़ाना चाहते है एमएस और एमडी दोनों ही पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स है एमएस जनरल सर्जरी में मास्टर डिग्री है जबकि एमडी जनरल मेडिसिन में मास्टर डिग्री है। दोनों ही डिग्री में केवल आप  एमबीबीएस कोर्स पूरा करने के बाद ही एडमिशन ले सकते हैं।

सामान्यतः एमडी के स्टडी एरिया में नॉन-सर्जिकल ब्रांच शामिल है जबकि एमएस में केवल सर्जिकल स्टडीज को ही शामिल किया जाता है। आसान शब्दों में, अगर आप एक हार्ट सर्जन या न्यूरोसर्जन बनना चाहते हैं तो आपको अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद एमएस कोर्स में एडमिशन लेना चाहिए। लेकिन, अगर आप जनरल फिजिशियन बनना चाहते हैं तो आपको एमडी डिग्री कोर्स में एडमिशन लेना चाहिए।

एमएस और एमडी में पॉपुलर स्पेशलाइजेशन्स

एमडी और एमएस डिग्रीज में लोकप्रिय स्पेशलाइजेशन कोर्सेज निम्नलिखित हैं:

एमडी (MD) एमएस (MS)
न्यूरोलॉजी और एनास्थेसियोलॉजी प्लास्टिक सर्जरी
ऑब्सटेट्रिक्स और गाईनेकोलॉजी पीडियाट्रिक सर्जरी
कार्डियोलॉजी ईएनटी
ऑर्थोपेडिक्स गाईनेकोलॉजी
एंडोक्रिनोलॉजी कार्डियो-थोरेसिक सर्जरी
गाईनेकोलॉजी ऑपथैल्मोलॉजी
इंटरनल मेडिसिन ऑर्थोपेडिक्स
डर्मेटोलॉजी ऑब्सटेट्रिक्स
पैथोलोजी कॉस्मेटिक सर्जरी
पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी
साइकाइट्री यूरोलॉजी
रेडियो-डायग्नोसिस -

लोकप्रिय व्यवसाय ऑप्शन्स हॉस्पिटल मैनेजमेंट

हॉस्पिटल मैनेजमेंट एमबीबीएस स्नातकों के लिए सबसे ज्यादा पसंदीदा करियर ऑप्शन के तौर पर उभरा है। यह उन उम्मीदवारों के लिए सबसे अच्छा कैरियर विकल्प है जो किसी फिजिशियन या सर्जन के तौर पर काम नहीं करना चाहते हैं बल्कि, एक प्रबंधक के रूप में अपना करियर शुरू करना चाहते हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दे की अस्पताल प्रबंधन एक पुरस्कृत कैरियर विकल्प है और इसके प्रोफेशन में कोई ज्यादा सख्त कामकाज और ड्यूटीज शामिल नहीं होते हैं जोकी अक्सर किसी जनरल फिजिशियन या सर्जन के वर्क रोल में शामिल होते हैं। हॉस्पिटल मैनेजमेंट में सैलरी पैकेज भी काफी अच्छा होता है। आईआईएमज (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट) यह कोर्स करवाता है, जो 100% कैंपस प्लेसमेंट की गारंटी देता है. इस कोर्स की अवधि 2 वर्ष की होती है।

  • क्लिनिकल प्रैक्टिस

ऐसे बहुत से मेडिकल स्टूडेंट्स जो हायर स्टडीज नहीं करना चाहते और ना ही वो कोई जॉब करना चाहते है। बल्कि वो अपना क्लिनिक्स खोलना चाहते हैं। ऐसे स्टूडेंट्स क्लिनिकल प्रैक्टिस कोर्स के माध्यम स अपने स्किल को निखार सकते है यह कोर्स न केवल फाइनेंशल फ़्रीडम देती है बल्कि, आपको अपनी गति के अनुसार काम करने की सुविधा भी प्रदान करती है। अपनी एमबीबीएस पूरी करने के बाद, आप अपने बजट, वर्क-फोर्स और स्किल सेट के मुताबिक अपना नर्सिंग होम या हॉस्पिटल खोल सकते हैं।

कुछ रोजगार क्षेत्र यहाँ दिए गए हैं:

  • अस्पतालों
  • प्रयोगशालाओं
  • बायोमेडिकल कंपनियां
  • निजी अस्पताल
  • मेडिकल कॉलेज
  • स्वास्थ्य केंद्र
  • फार्मास्युटिकल और बायोटेक्नोलॉजी कंपनियां

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