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Career Options in Financial Management in Hindi

Update on 28 Mar, 24

फ़ाइनेंशियल मैनेजमेंट में करियर - क्या है कोर्स फीस, वेतन, शैक्षणिक संस्थान - पूरा पढ़े

फाइनेंशल मैनेजमेंट कोर्स फाइनेंशल प्लानिंग, एकाउंटिंग और संगठन के लाभदायक विकास के लिए प्लान की स्ट्रेटेजी बनाने से संबद्ध है. इन कोर्सेज का लक्ष्य छात्रों/ कैंडिडेट्स को फाइनेंशल स्किल्स प्रदान करना है ताकि संगठन के विभिन्न विभागों के लिए रिसोर्सेज निर्धारित करने के साथ ही फाइनेंसियल मैनेजमेंट में करियर बनाया जा सके और बजट तैयार किया जा सके. चाहे वह रैंकिंग, फाइनेंशल सर्विसेज, एनबीएफसीज या कॉरपोरेट से संबद्ध कोई भी इंडस्ट्री हो, फाइनेंशल मैनेजमेंट कोर्स में वे सभी विषय और इश्यूज शामिल हैं जो इन सभी फ़ील्ड के साथ ही अन्य कई फ़ील्ड या इश्यूज में महारत हासिल करने के लिए आपकी समझ को विकसित करेंगे.

जानिए कितने प्रकार के होते हैं फ़ाइनेंशियल कोर्सेज:

आप अपनी 10+2 क्लास पास करने के बाद फाइनेंशल मैनेजमेंट कोर्सेज कर सकते हैं. अगर आप अंडरग्रेजुएट कोर्सेज करने के लिए अपना बहुत ज्यादा समय खर्च नहीं करना चाहते हैं तो आप डिप्लोमा कोर्सेज कर सकते हैं. हालांकि, अगर आप कायर स्टडीज प्राप्त करना चाहते हैं तो आपके लिए अंडरग्रेजुएट कोर्स में एड मिशन लेना काफी बढ़िया निर्णय साबित होगा. फाइनेंशल मैनेजमेंट के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के कोर्सेज का विवरण आपकी सहूलियत के लिए नीचे दिया जा रहा है:

फाइनेंशल मैनेजमेंट में डिप्लोमा कोर्सेज:

छात्र 10+2 क्लास पास करने के तुरंत बाद डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं. इस कोर्स की अवधि 1 वर्ष है.

अंडरग्रेजुएट कोर्सेज फ़ाइनेंशियल मैनेजमेंट में:

फाइनेंशल मैनेजमेंट में अंडरग्रेजुएट कोर्स की अवधि 3 वर्ष होती है. फाइनेंशल मैनेजमेंट में अंडरग्रेजुएट कोर्स को बीबी डिग्री के तौर पर जाना जाता है.

फाइनेंशल मैनेजमेंट में पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज:

फाइनेंशल मैनेजमेंट में पोस्टग्रेजुएट कोर्स की अवधि 2 वर्ष होती है. इस डिग्री को आमतौर पर फाइनेंशल मैनेजमेंट में एमए/ एमबीए की डिग्री के नाम दिया गया है

फाइनेंशल मैनेजमेंट में डॉक्टोरल कोर्सेज:

आप किसी संबद्ध विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त करने के बाद फाइनेंशल मैनेजमेंट में डॉक्टोरल कोर्स अर्थात डॉक्टरेट ऑफ़ फिलोसोफी (पीएचडी) की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं. डॉक्टोरल कोर्स की अवधि 3-4 वर्ष है.

फ़ाइनेंशियल कोर्सेज में एड मिशन की प्रतिक्रिया और फाइनेंसियल मैनेजमेंट में करियर:

कई मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी और इंस्टिट्यूट फाइनेंशल मैनेजमेंट कोर्सेज करवाते हैं. यद्यपि, प्रत्येक कॉलेज/ इंस्टिट्यूट के अपने अलग-अलग एंट्रेंस एग्जाम, एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया और एड मिशन प्रोसेस होते हैं. इसलिये, इन फाइनेंशल कोर्सेज में एड मिशन लेने के लिए इन कोर्सेज से संबद्ध आवश्यक शर्तों के बारे में जानकारी प्राप्त करना आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

क्या है एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया

एडमिशन प्रोसेस में पहला कदम एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया है. अगर आपको इस सेक्शन में उल्लिखित क्राइटेरिया के बारे में पूरी जानकारी मिल जाती है तो आप भक्त कोर्स के लिए बड़ी सरलता से सप्लाई कर सकते हैं. इसलिए, फाइनेंशल मैनेजमेंट कोर्स में सप्लाई करने के लिए ब्रेक लेवल के लिए निर्धारित एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के बारे में आइ ये जानकारी प्राप्त करें:

डिप्लोमा लेवल:

आप 10+2 क्लास पास करने के बाद फाइनेंशल मैनेजमेंट में डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं. इस डिप्लोमा लेवल कोर्स में फाइनेंशल मार्केट्स, कॉरपोरेट फ़ाइनेंसर और बिज़नेस करने के लिए जरूरी फ़िक्स और वर्किंग कैपिटल के बारे में बेसिक डिटेल्स शामिल होते हैं.

अंडरग्रेजुएट लेवल:

अंडरग्रेजुएट लेवल कोर्स में भी आप अपनी 10+2 क्लास किसी भी विषय में पास करने के बाद एड मिशन ले सकते हैं. आमतौर पर जिन स्टूडेंट्स ने 12वीं क्लास कॉनर्स विषय सहित पास की होती है, उन्हें एड मिशन में वरीयता दी जाती है.

पोस्टग्रेजुएट लेवल में  फ़ाइनेंशियल मैनेजमेंट में करियर:

किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी/ कॉलेज से कम से कम 50% कुल प्रतिशत के साथ ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद आप फाइनेंशल मैनेजमेंट में पोस्टग्रेजुएट कोर्स करने के लिए सप्लाई कर सकते हैं.

डॉक्टोरल लेवल:

फाइनेंशल मैनेजमेंट के क्षेत्र में आप हाईएस्ट लेवल की डिग्री के तौर पर डॉक्टोरल कोर्स में एड मिशन ले सकते हैं. किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी/ कॉलेज से पीएचडी की डिग्री प्राप्त करने के बाद आप अपने नाम के आगे ‘डॉक्टर’ का टाइटन इस्तेमाल कर सकते हैं.

एक्साम्स एंट्रेंस

चाहे वह कोई पॉलिटेक्निक इंस्टिट्यूट हो या फिर कोई प्रोफेशनल इंस्टिट्यूट, किसी भी इंस्टिट्यूट से प्रोफेशनल डिग्री कोर्स करने के लिए और अपने पसंदीदा इंस्टिट्यूट में एड मिशन लेने के लिए छात्र को हमेशा एंट्रेंस एग्जाम पास करना पड़ता है. किसी फाइनेंशल मैनेजमेंट कोर्स में एड मिशन लेने में आपकी मदद करने के लिए यहां सभी एंट्रेंस एग्जाम्स की लिस्ट इस प्रकार है:

डिप्लोमा लेवल

डिप्लोमा कोर्सेज में एड मिशन लेने के लिए, आप स्टेट लेवल के पॉलिटेक्निक्स में आवेदन कर सकते हैं क्योंकि ये पॉलिटेक्निक्स प्रत्येक राज्य में एंट्रेंस एग्जाम कंडक्ट करते हैं ताकि इंडस्ट्री-लेडी प्रोफेशनल तैयार किये जा सकें.

अंडरग्रेजुएट लेवल
  • डी यू जेएटी
  • आईपीएमएटी 
  • एनपीएटी 
  • सिम्बायोसिस एंट्रेंस टेस्ट (एसटी)
  • एआईएमए यूजीएटी 
  • जीजीएसआईपीयू सीईटी बीबीए 
पोस्टग्रेजुएट लेवल
  • सीएटी (कॉम एड मिशन टेस्ट)
  • एआईएमए-एमए टी (मैनेजमेंट एट्टीट्यूड टेस्ट)
  • एक्सएटी (जेवियर एट्टीट्यूड टेस्ट)
  • आईआईएफटी (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ फॉरेन ट्रेड)
  • एसएन एपी (सिम्बायोसिस नेशनल एट्टीट्यूड टेस्ट)
  • जीएमएसी द्वारा एनएमएटी
  • सीएमएटी (कॉम मैनेजमेंट एड मिशन टेस्ट)
  • आईबीएसएटी (आईबीएम एट्टीट्यूड टेस्ट)
  • एमआईसीएटी (एमआईसीए एड मिशन टेस्ट)
  • एमएएच - एमबीए/ एमएमएस सीईटी (महाराष्ट्र एमबीए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट)
डॉक्टोरल लेवल
  • रिसर्च मैनेजमेंट एट्टीट्यूड टेस्ट (आर-चैट)
  • सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम
  • यूजीसी नेट
  • एक्सआईएमबी-आरएटी (रिसर्च एप्टीट्यूड टेस्ट)
  • आई आईआईटी दिल्ली पीएचडी एड मिशन टेस्ट
  • फैकल्टी ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज (एसएमएस), दिल्ली यूनिवर्सिटी पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट
  • अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम
  • इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) एंट्रेंस एग्जाम

फाइनेंशल मैनेजमेंट के तहत सब-स्पेशलाइजेशन कोर्सेज

फाइनेंशल मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स निम्नलिखित विषयों में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं ताकि उनकी इंडस्ट्री में अपनी पहचान बन सके. यद्यपि, नीचे दिए गए विषय कोर्स करिकुलम का एक हिस्सा हैं लेकिन, आप इनमें से कोई एक विषय चुनकर उसमें अपना करियर बना सकते हैं. आपकी सहुलियत के लिए सब-स्पेशलाइजेशन्स की लिस्ट नीचे दी जा रही है

मैनेजमेंट कोर्सेज में टॉप कॉलेजेस की सूची इस प्रकार है:
करम संख्या
इंस्टिट्यूट
लोकेशन

1.

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट

अहमदाबाद

2.

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट

बैंगलोर

3.

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट

कोलकाता

4.

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट

लखनऊ


 

5.

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी

मुंबई

6.

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट

कोझिकोड


 

7.

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी

खड़गपुर

8.

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी

दिल्ली

9.

ज़ेवियर लेकर रिलेशन्स इंस्टिट्यूट

रुड़की

10.

ज़ेवियर लेकर रिलेशन्स इंस्टिट्यूट

जमशेदपुर

फाइनेंशल मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स को सफर किये जाने वाले लोकप्रिय जॉब टाइटल्स:

फ़ाइनेंशियल मैनेजमेंट में करियर किसी फ्रेशर के लिए, किसी फाइनेंशल फर्म, कंपनी या मारकेज़ में जॉन प्राप्त करना उसके करियर का बेसिक आधार होता है. फ़ाइनेंसर ग्रैजुएट का रोल बहुत गतिशील है क्योंकि उनके लिए संगठन के अन्य डिपार्टमेंट्स के साथ सहयोग करना आवश्यक होता है और अगर जरूरी हो तो उन्हें सामने आकर कस्टमर के साथ बातचीत करनी पड़ती है. यहां कुछ ऐसे लोकप्रिय जॉन डेसिग्नेशन दिए जा रहे हैं जो फ़ाइनेंसर ग्रैजुएट अपना कोर्स पूरा करने के बाद जवान कर सकते हैं:

  1. फ़ाइनेंसर मैनेजर
  2. फाइनेंशल प्लान
  3. फाइनेंशल एनालिस्ट
  4. फाइनेंशल एडिटर
  5. इंवेस्टमेंट रैंकिंग एनालिस्ट
  6. एक्चुअरी
  7. एकाउंटेंट
  8. इंवेस्टर रिलेशन्स एसोसिएट

फ़ाइनेंसर मैनेजर के लिए कुछ टॉप ब्रांड

फ़ाइनेंशियल मैनेजमेंट में करियर तथा फ़ाइनेंसर के डोमेन में स्पेशलाइजेशन करने वाले कैंडिडेट्स के लिए आजकल जॉन के ढेरों अवसर मौजूद हैं. चाहे वह कोई फर्म हो या कोई कंपनी या फिर, बैंक, सरकारी विभाग और एजेंसी, एजुकेशन इंस्टिट्यूशन्स आदि ही क्यों न हों, भक्त सभी इंस्टिट्यूशन्स में फ़ाइनेंसर डोमेन से संबद्ध प्रोफेशनल के लिए अत्यधिक जॉन ऑप्शन्स मौजूद हैं. इसलिए यहां ‘ब्रांडफाइनेंस.कॉम’ द्वारा दी गई रैंकिंग के अनुसार फाइनेंशल शील्ड में सबसे ख़ास इंडियन ब्रांड की एक लिस्ट पेश है. आप इस लिस्ट में से अपने लिए एक बेहतरीन ब्रांड चुन सकते हैं. आइ ये पढ़ें:

  1. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
  2. एलआईसी
  3. आईसीआईसीआई बैंक
  4. एचडीएफसी बैंक
  5. कोटक महिंद्रा बैंक
  6. आईडीबीआई बैंक
  7. कैमरा बैंक
  8. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
  9. इंडियन ओवरसीज बैंक
  10. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
  11. एफबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड
  12. बजाज कैपिटल लिमिटेड
  13. डीएसपी मेरिल लिंच लिमिटेड
  14. एल एंड टी फ़ाइनेंसर लिमिटेड
  15. कार्वी ग्रुप
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