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Career Option After Polytechnic

Update on 2024-04-15

पॉलिटेक्निक के बाद करियर विकल्प (Career Option After Polytechnic)

दस वीं और बारहवीं पास करने के बाद स्टूडेंट्स कन्फ्यूज्ड हो जाते है क्योंकि बारहवीं के बाद बहुत सारे ऑप्शन अवेलेबल होते है। कुछ लोग टेक्निकल फ़ील्ड में अपना करियर बनाने के  इच्छुक होते है तो पॉलिटेक्निक उनके लिए एक राइट ऑप्शन हो सकता है। वैसे, आज के जॉब मार्केट में पॉलिटेक्निक कोर्स कर चुके स्टूडेंट्स की जबरदस्त डिमांड है। आइए इस आर्टिकल के माध्यम से देखते हैं, पॉलिटेक्निक में कैसे ऐडमिशन लिया जा सकता है और इस कोर्स को करने के क्या फायदे है।

उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद ही वो करियर की दिशा में आगे बढ़ते है जो कुछ कर दिखाने की चाह रखता हो। पॉलिटेक्निक कई लिहाज से आपके लिए फ़ायदेमंद है। यह छेत्र विज्ञान और तकनीकी विकास के कारण इस आधुनिक दौर में रोज़गार के ढेर सारे विकल्प मुहैया कराता है ।  इस कोर्स की खास बात ये है कि जिस कोर्स के लिए 12वीं के बाद चार साल लगते हैं वही 10वीं के बाद पॉलीटेक्निक करने पर सिर्फ तीन साल का डिप्लोमा करना होता है जिससे आपकी एक साल का समय बच जाता है।

स्कूल की दुनिया से बाहर निकलते ही हर साल लाखों स्टूडेंट्स इंजीनिेयरिंग कोर्स करते हैं। लेकिन फिर भी ऐसे बहुत सारे नौजवान होते है महंगी फ़ीस और अच्छे अंक नहीं आने की वजह से प्रतिस्थित संस्थानों में इंजिनियरिंग की पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। वहीं, दूसरी ओर आजकल कोर्स पूरा करने के साथ-साथ टेक्निकल रूप से भी स्टूडेंट्स खुद को स्थापित करने में जुटे हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स के लिए पॉलिटेक्निक सुनहरे अवसर लेकर आता है, जहां दोनों चीजें प्रदान की जाती है।

पॉलिटेक्निक कोर्स क्या है [What is Polytechnic]

पॉलिटेक्निक का अर्थ क्या होता है : ये सामान्य रूप से दो शब्दों से मिलकर बना है पोली (Poly) और टेक्निक (Technic). [Poly] पाली का मतलब होता है बहु यानि बहुत सारे, टेक्निक का मतलब होता है - कला या फिर प्रैक्टिकल तरीके से सिखाना तो इसका मतलब हुआ की ये कलाओ का संस्था है या फिर कहे   कॉलेज है जहा पर ऐसे चीजों के लिए स्टूडेंट्स को तैयार किया जाता है जिस भी फील्ड में आपका इंटरेस्ट ताकि आगे जाके आप उस फील्ड में जाकर अच्छे पद पर जॉब कर सके और अपना करियर बना सके। पॉलिटेक्निक एक सबसे अधिक मांग वाला लोक प्रिय कोर्स है जिसको छात्र दस वी या बारह वी की परीक्षा के बाद ऑप्ट कर सकते है।  पॉलिटेक्निक करने के बाद आप आसानी से अपने इंटरेस्ट के फ़ील्ड में पढ़ाई करने जॉब कर सकते है लेकिन इस कोर्स में एडमिशन लेना इतना आसान नहीं है इसके कोर्स में दाख़िला लेने के लिए कुछ योग्यता होनी चाहिए तभी आप इस पॉलिटेक्निक में एडमिशन ले सकते है आइये सबसे पहले जान लेते इस कोर्स लिए के क्या योग्यता होनी चाहिए ?  

इस तीन वर्षीय डिप्लोमा को करने के लिए आपको एंट्रेंस एग्जाम (Entrance Exam) देना होगा है जिसे हम CET यानि कॉमन एंट्रेंस टेस्ट जिसे आपको पास करना होता है अगर आप गवर्मेंट कॉलेज से डिप्लोमा करना चाहते है तो आपको इस एग्जाम में अच्छे रैंक (Rank) लाना होगा, तभी आपके अच्छा गवर्नमेंट  पॉलिटेक्निक कॉलेज (Polytechnic College) मिलेगा. अगर आप किसी प्राइवेट कॉलेज में एडमिशन लेना चाहते है तो आप ले सकते है। प्राइवेट कॉलेजेस में इसकी फ़ीस (Fees) बहुत हाई होगी करीब 35 से 50 हजार के आस पास जबकि गवर्मेंट कॉलेज में 10 हजार से 15 हजार के आस पास होती है।

पॉलिटेक्निक पाठ्यक्रम के तहत विशेषज्ञता [Specializations under polytechnic course]

इस कोर्स अंदर बहुत सारी  स्ट्रीम्स आती है जो नीचे दी गयी है। आप अपनी रूचि के अनुसार किसी भी स्ट्रीम को सेलेक्ट कर सकते है ।

  • मकैनिकल इंजिनियरिंग [Mechanical Engineering]
  • सिविल इंजिनियरिंग [Civil Engineering]
  • ऑटोमोबाइल इंजिनियरिंग [Automobile Engineering]
  • पैकेजिंग टेक्नॉलजी [Packaging Technology]
  • इलेक्ट्रिकल ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजिनियरिंग [Electrical and Electronics Engineering]
  • इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड कम्यूनिकेशन इंजिनियरिंग [Electronics and Communication Engineering]
  • अप्लाइड इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड इंस्ट्रूमेंटेशन [Applied Electronics and Instrumentation]
  • कंप्यूटर इंजिनियरिंग [Computer Engineering]
  • इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी [Information Technology]
  • माइनिंग इंजिनियरिंग [Mining Engineering]
  • मेटलॉर्जिकल इंजिनियरिंग [Metallurgical Engineering]
  • टेक्सटाइल टेक्नॉलजी [Textile Technology]
  • केमिकल इंजिनियरिंग [Chemical Engineering]
  • इन प्लास्टिक ऐंड पॉलिमर्स [ In- plastic and polymers]
  • पेट्रोकेमिकल्स इंजिनियरिंग [Petrochemicals Engineering]
  • लेटर टेक्नॉलजी [Letter technology]
  • प्रिटिंग टेक्नॉलजी [Printing Technology]
  • फुटवियर टेक्नॉलजी [Footwear Technology]
  • आर्किटेक्चर कोर्सेज [Architecture Courses]
  • एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस इंजिनियरिंग [Aircraft in Engineering Engineering]
  • मास कम्यूनिकेशन [Mass Communication]
  • इंटीरियर डिजाइनिंग [Interior designing,]
  • होटल मैनेजमेंट [Hotel management],
  • कमर्शल ऐंड फाइन आर्ट [Commercial and Fine Art],
  • ऑफिस मैनेजमेंट ऐंड कंप्यूटर ऐप्लिकेशन और कंप्यूटर साइंस इत्यादि [Office Management and Computer Applications and Computer Science etc.]

पॉलिटेक्निक के आगे का अध्ययन [Further study of polytechnics]

यद्यपि पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कार्यक्रम एआईसीटीई / अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा संचालित और अनुमोदित पूर्ण तकनीकी डिग्री पाठ्यक्रम है, लेकिन इन पाठ्यक्रमों को विशेष रूप से संबंधित स्ट्रीम्स या विषय के व्यावहारिक पहलुओं और मूलभूत बातें सीखने में मदद करने के लिए विशेष रूप से जाना जाता है. इसलिए, यदि आप अपने टेक्नीकल ज्ञान के थियरेटिकल ज्ञान के साथ साथ प्रैक्टिकल ज्ञान में भी वृद्धि करना चाहते हैं तो आपके द्वारा पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स पूरा करने के बाद निम्नांकित विषयों की तरफ रुख करना जाना चाहिए.

पॉलिटेक्निक डिप्लोमा के बाद आगे अध्ययन करने का फायदा [Advantage of further study after polytechnic diploma]

पॉलिटेक्निक एक टेक्नीकल डिप्लोमा है. इससे आप एक अच्छी नौकरी पाने में बहुत आसानी होगी. विविध प्रकार की नौकरियों में जॉब की संभावना और हायर लेवल की नौकरियों के लिए अपनी योग्यता साबित करने के लिए डिप्लोमा करने के बाद भी अध्ययन करना जरुरी है. पॉलीटेक्निक डिप्लोमा के दौरान सम्बंधित डोमेन के व्यावहारिक पक्ष तथा आधार भूत तथ्यों पर ज्यादा जोर दिया जाता है लेकिन वे हायर लेवल की नौकरी के लिए पर्याप्त नहीं होते हैं. पॉलीटेक्निक डिप्लोमा से प्रारंभिक स्तर पर जूनियर लेवल की जॉब आसानी से पायी जा सकती है लेकिन अगर आप हायर लेवल की जॉब पाना चाहते है तो सिर्फ इससे काम नहीं चलने वाला है. इसलिए सम्बन्धित डोमेन में सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों ही स्तर पर पर्याप्त ज्ञान के लिए आगे अध्ययन करना बहुत ज़रुरी हो जाता है. इसके लिए आप निम्नांकित कोर्सेज पर विचार कर सकते हैं -

बीटेक लेटरल एंट्री स्कीम [B. Tech Lateral Entry Scheme]

पॉलीटेक्निक डिप्लोमा धारकों के लिए सबसे मांग वाला तथा लोकप्रिय विकल्प, खासकर इंजीनियरिंग डोमेन से, बी.टेक या बीई का कोर्स करना है. इस कोर्स के लिए उम्मीदवारों को कॉलेज और पाठ्यक्रम के लिए संबंधित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में शामिल होना पड़ेगा. कई इंजीनियरिंग कॉलेज इंजीनियरिंग डिप्लोमा धारकों को लेटरल एंट्री एडमिशन भी प्रदान करते हैं. लेटरल एंट्री का मतलब है कि आप सीधे दूसरे वर्ष में इंजीनियरिंग कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं या बी.टेक / बीई के तीसरे सेमेस्टर में शामिल हो सकते हैं. कुछ कॉलेजों ऐसे भी जिनमे में डिप्लोमा धारकों को लेटरल एंट्री योजना के माध्यम से प्रवेश के लिए अलग से प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है.

पॉलिटेक्निक डिप्लोमा छात्रों के लिए लेटरल एंट्री स्कीम की पेशकश करने वाले शीर्ष कॉलेज:

निम्नलिखित टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज हैं जो पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों को लेटरल एंट्री योजना के माध्यम से प्रवेश प्रदान करते हैं

  • दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, दिल्ली
  • थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, पटियाला
  • नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली
  • केआईआईटीएस यूनिवर्सिटी, ओडिशा
  • गुरु गोबिंद सिंह आईपी यूनिवर्सिटी, दिल्ली
  • पंजाब टेक्नीकल यूनिवर्सिटी, जलंधर
  • पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़
  • गुरू नानक देव इंजीनियरिंग कॉलेज, लुधियाना
  • डीएवी इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग और टैक्नोलॉजी, जालंधर
  • इंजीनियरिंग कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पुणे
  • गुरु तेगबाहदुर प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली
  • एमिटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, नोएडा

एआईएम प्रमाणन [AIM certification]

एआईएम सर्टिफिकेशन कोर्स एक अच्छा विकल्प है, इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि वाले डिप्लोमा धारकों के लिए.  एएमआईआई (इंजीनियरों के संस्थानों के सहयोगी सदस्य) सर्टिफिकेशन बीई के बराबर एक प्रोफेशनल सर्टिफिकेशन डिग्री है. एआईएम सर्टिफिकेशन कोर्स को पूरा करने वाले स्टूडेंट्स को इंजीनियरिंग संस्थान, भारत द्वारा एआईएम प्रमाण पत्र से सम्मानित किया जाता है. एआईएम परीक्षा में दो खंड होते हैं और इस कोर्स को पूरा करने में लगभग 4 साल लगते हैं. हालांकि, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों को स्ट्रीम ए, यानि प्रोजेक्ट वर्क में शामिल होने की बहुत जरुरत नहीं होती है. इसलिए, वे केवल 3 वर्षों में ही एआईएम सर्टिफिकेशन कोर्स कर सकते हैं.

टीडी डोमेन में ग्रेजुएशन [Graduation in TD Domain]

पॉलिटेक्निक डिप्लोमा करने के बाद, आप बीटेक और बीई कोर्सेज के अलावा सम्बन्धित डोमेन में तीन साल के नियमित ग्रेजुएशन कोर्स में भी शामिल हो सकती है. यह विकल्प गैर-इंजीनियरिंग प्रोग्राम्स, बीएससी, बीए, बीसीए और बीकॉम जैसे तीन साल के रेगुलर ग्रेजुएशन प्रोग्राम्स  की अपेक्षा डिप्लोमा धारकों के लिए विशेष रूप से व्यावहारिक है. परन्तु इसके कोर्स के लिए उम्मीदवार के पास 10+2 का रिजल्ट तथा डिप्लोमा का सर्टिफिकेट होना आवश्यक है तभी छात्र इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए पात्र होंगे.

रोजगार के अवसर [Avenues of employment]

पॉलिटेक्निक डिप्लोमा छात्रों को बेहतरीन फ़ील्ड और विभिन्न करियर अवसर प्रदान करता है इसीलिए पॉलिटेक्निक डिप्लोमा को कई छात्र करियर के शॉट-कट का नाम देते हैं. इंडिया में कुछ ऐसे भी स्टूडेंट्स होते है जिनकी आर्थिक कंडीशन अच्छी नहीं होती है तो वो 10 वीं पास करने के बाद पॉलिटेक्निक कोर्स के दाख़िला ले सकते है. यह कोर्स ऐसे छात्रों को एक रोमांचक और आकर्षक करियर विकल्प प्रदान करता है. ऐसे में डिप्लोमा होल्डर्स पीएसयू की नौकरी कर सरकारी सेवा क्षेत्र में शामिल होने, निजी कंपनियों के साथ नौकरियाँ लेने या यहां तक ​​कि अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने और स्व-नियोजित होने का विकल्प चुन सकते हैं. आइए इस पोस्ट के माध्यम से आपको कुछ प्रमुख नौकरी करियर विकल्पों के बारे ज्ञान देते हैं जिसे पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारक कोर्स पूरा होने के बाद अपना सकते हैं-

सार्वजनिक क्षेत्र / पीएसयू [Public Sector / PSUs]

पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों को सरकारी तथा उनके सहयोगी सार्वजनिक क्षेत्र में बहुत सारे बेहतरीन नौकरी के अवसर प्रदान किये जाते है. इस तरह की कंपनियां जूनियर लेवल पोजिशन (इंजीनियरिंग और गैर इंजीनियरिंग उम्मीदवारों दोनों के लिए) और तकनीशियन स्तर की नौकरियों के लिए डिप्लोमा धारकों को अच्छी सैलरी के साथ हायर करती हैं.

पॉलीटेक्निक डिप्लोमा ग्रेजुएट्स की भर्ती करने वाली शीर्ष कंपनियां-

  • भेल - भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड
  • एनटीपीसी - नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन
  • लोक कार्य विभाग
  • बीएसएनएल - भारत संचार निगम लिमिटेड
  • सिंचाई विभाग
  • बुनियादी ढाँचा विकास एजेंसियां
  • एनएसएसओ - राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन
  • आईपीसीएल - इंडियन पेट्रो केमिकल लिमिटेड
  • रेलवे
  • भारतीय सेना
  • गेल - गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड
  • ओएनजीसी - तेल और प्राकृतिक गैस निगम
  • डीआरडीओ - रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन

निजी क्षेत्र [Public Sector]

गवर्नमेंट सेक्टर की तरह ही प्राइवेट सेक्टर की कंपनियां भी विशेष रूप से विनिर्माण, निर्माण और इलेक्ट्रॉनिक और संचार डोमेन में काम करने वाले पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों को हाई डिमांड हैं. हालांकि, ये नौकरियाँ जूनियर लेवल/एंट्री लेवल की होती हैं और इसमें प्रोमोशन के आसार कम होते हैं.

पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों को भर्ती करने वाली शीर्ष निजी क्षेत्र की कंपनियां-
  • कम्प्यूटर इंजीनियरिंग फर्म - टीसीएस, एचसीएल, विप्रो, पोलारिस इत्यादि.
  • ऑटोमोबाइल - मारुति सुजुकी, टोयोटा, टाटा मोटर्स, महिंद्रा, बजाज ऑटो इत्यादि.
  • इलेक्ट्रिकल / पवार फर्म - टाटा पावर, बीएसईएस, सीमेंस, एल एंड टी, इत्यादि.
  • मैकेनिकल इंजीनियरिंग फर्म - हिंदुस्तान यूनिलीवर, एसीसी लिमिटेड, वोल्टस इत्यादि.
  • एयरलाइंस - इंडिगो, स्पाइसजेट, जेट एयरवेज इत्यादि
  • निर्माण फर्म - यूनिटेक, डीएलएफ, जेपी एसोसिएटेड, जीएमआर इंफ्रा, मित्स इत्यादि
  • संचार फर्म – भारती एयरटेल , रिलायंस कम्युनिकेशंस, आइडिया सेल्युलर इत्यादि.

स्व रोजगार [Self employment]

पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों के लिए एक श्रेष्ठ करियर विकल्प स्व-रोज़गार है. पॉलिटेक्निक संस्थानों द्वारा पेश किए गए सभी डिप्लोमा कोर्सेज विशेष रूप से संबंधित विषय के व्यावहारिक या अनुप्रयोग सम्बन्धी पहलुओं पर छात्रों को मूल रूप से प्रशिक्षित करते हैं. यह छात्रों को विशेष रूप से मूल बातें सीखने के लिए तैयार करता है और अपना खुद का अपना व्यवसाय/बिज़नेस शुरू करने के काबिल बनाता है. उदाहरण के तोर पर, कंप्यूटर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने वाले छात्र आसानी से कंप्यूटर की मरम्मत के लिए एक व्यवसाय शुरू कर सकते हैं; या ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा रखने वाला कोई भी छात्र अपना गेराज या ऑटोमोबाइल मरम्मत स्टोर शुरू कर सकता है. इसलिए, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा पाठ्यक्रम छात्रों को स्व-रोज़गार के महत्वपूर्ण और सुलभ अवसर प्रदान करते हैं.

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